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दो से अधिक बच्चों वाले जिपं और बीडीसी पद के प्रत्याशियों को झटका

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने दो से अधिक संतान वाले जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रत्याशियों को चुनाव लडने से अयोग्य करार देने के प्रावधान पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। मामले में कोर्ट ने सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के नामांकन खारिज होना करीब-करीब तय हो चुका है जबकि इससे सरकार को बड़ी राहत मिली है।  बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अल्मोड़ा के मोहन सिंह मेहरा व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशियों को अयोग्य करार देने का नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार इसे बैक डेट से लागू कर रही है। उन्हें ग्रेस पीरियड भी नहीं दिया गया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के दो बच्चों से अधिक वाले ग्राम प्रधान के प्रत्याशियों को चुनाव लडने की अनुमति देने व इसके

दून में 130 अतिक्रमणों का ध्वस्तीकरण किया गया 

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देहरादून। न्यायालय के निर्देशों के क्रम में देहरादून शहर में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जन सामान्य हेतु बनाये गये फुटपाथों, गलियों, सड़कों एवं अन्य स्थलों पर किये गये अनधिकृत निर्माणों एवं अवैध अतिक्रमणों में ध्वस्तीकरण, चिन्हीकरण व सीलिंग का काय जारी रहा।  अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि 25 सितम्बर को इस अभियान के अन्तर्गत 130 अवैध अतिक्रमण का ध्वस्तीकरण व 237 अतिक्रमणों का सीमांकन व 01 अतिक्रमण का चिन्हीकरण के कार्य सम्पादित करने के साथ ही अतिक्रमण किये गये 101 भवनों के सीलिंगध्पार्किंग स्थलों पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध नोटिस भी जारी किये गये है। अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स के अधिकारियोंध्कर्मचारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये है, ताकि मा.न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशों का शत्-प्रतिशत पालन शीघ्रता से सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिये है कि मा.न्यायालय के निर्देशानुसार ही बिना भेदभाव के शहर से अतिक्रमण हटाने का कार्य

पाॅलीसिस्टिक ओवरीयन सिंडोम (पीसीओएस) की बढ़ती समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी

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देहरादून, गढ़ संवेदना । सोसाइटी फार हैल्थ ऐजूकेशन एंड वूमैन एमपावरमेन्ट ऐवेरनेस (सेवा) जाखन द्वारा राजकीय माॅडल इन्टरमीडिएट कालेज किशनपुर देहरादून में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डाॅ0 सुजाता संजय स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा ने किशोरियों एवं महिलाओं को पाॅलीसिस्टिक ओवरीयन सिंडोम (पीसीओएस) की बढ़ती हुई समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी जिससे कि युवतियाॅ इस बढ़ती हुई समस्या से निजात पा सकंे। इस जन-जागरूकता व्याख्यान में लगभग 200 से भी ज्यादा किशोरियों ने भाग लिया। इस समस्या से किशोरियों को निजात दिलाने हेतु सेवा एन.जी.ओ. ने एक जागरूकता अभियान चलाया है।  डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि हार्मोनल असंतुलन का एक मुख्य कारण है। आजकल लड़कियों में छोटी सी ही उम्र से पीसीओएस यानी की पोलिसिस्टिक ओवरी सिंडोम की समस्या देखने को मिल रही है। चिंता की बात यह है कि कई सालों पहले यह बीमारी केवल 30 वर्ष के उपर की महिलाओं में ही आम होती थी, लेकिन आज इसका उल्टा ही देखने को मिल रहा है। डाॅक्टरों के अनुसार यह गड़बड़ी पिछले 10 से 15 सालों में दोगुनी हो गई है। डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि जब सेक्स हार्मोन म

इकोनॉमी में उठाए गए सुधारवादी कदमों से उत्तराखंड को बड़ा फायदा होगा: त्रिवेन्द्र

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    देहरादून, गढ़ संवेदना । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा इकोनॉमी में उठाए गए सुधारवादी कदमों से उत्तराखंड को भी बड़ा फायदा होगा। पिछले एक डेढ़ साल से उत्तराखंड में निवेश और उद्योगों को मजबूत करने के लिए की गई पहल को अब और मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हमने अनेक नई नीतियां बनाई हैं और अनेक नीतियों मे आवश्यक संशोधन किए हैं। सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को मजबूती दी है, निवेश के अनुकूल माहौल बनाया है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक 17 हजार करोड़ रुपए का निवेश ग्राउंडेड हो चुका है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने आर्थिक सुधारों की जो घोषणाएं की हैं, उसके बाद हमारे प्रयासों को और भी ज्यादा बल मिलने वाला है। इन घोषणाओं का सीधा फायदा उत्तराखंड के उद्योग जगत को मिलने वाला है। सीएम आवास में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटन राज्य है। हमने पर्यटन को बूस्ट करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई है। जीएसटी की दरों में संशोधन से टूरिज्म और सर्विस बेस्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। प

वनदेवियों-अप्सराओं का प्रमुख निवास स्थल खैट पर्वत

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देहरादून, गढ़ संवेदना । खैट पर्वत वनदेवियों, अप्सराओंद् का प्रमुख निवास स्थल है। देवलोक से भू.लोक तक रमण करने वाली ये परियां हिमालय क्षेत्र में वनदेवियों के रूप में जानी जाती हैं। गढ़वाल क्षेत्र में वनदेवियों को आछरी.मांतरी के नाम से जाना जाता है। कठित भौगोलिक परिस्थितियों के बीच किसी प्राकृतिक आपदा व अनर्थ से बचने के लिए पहाड़वासी वनदेवियों को समय.समय पर पूजते हैं। इससे ये वनदेवियां खुश रहती हैं। टिहरी जिले में स्थित खैट पर्वत पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मनोरम है। खैट पर्वत समुद्रतल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। खैट पर्वत के चरण स्पर्श करती भिलंगना नदी का दृश्य देखते ही बनता है। खैट गुंबद आकार की एक मनमोहक चोटी है। इस चोटी में म खमली घास से ढका एक खूबसूरत मैदान है। जहां से दृष्टि उठाते ही सामने क्षितिज में एक छोर तक फैली हिमचोटियों के भव्य दर्शन होते हैं। आसपास दूर.दर तक कोई दूसरा पर्वत शिखर न होने से यह इकलौता लघुशिखर अत्यंत भव्य मैदान पर पहुंचकर ऐसा आभास होता है मानों हम वसुंधरा की छत पर पहुंच गए हैं।दिल इस पर्वत शिखर से लौटने की अनुमति आसानी से नहीं देता है। खैट से दिखने वाल

गढ़वाल की खानपान संस्कृति का मुख्य हिस्सा रहा है मीठा भात

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देहरादून। शहरी संस्कृति में भले ही भोजन करने के बाद मीठा खाने का चलन हो, लेकिन पहाड़, खासकर गढ़वाल में सामूहिक भोज के अवसर पर मीठे भात से ही खाने की शुरुआत होती है। खाद्य विशेषज्ञ भी इसे पाचक रसों के अनुसार उचित मानते हैं। असल में मीठा भात पीढ़ियों से गढ़वाल की खानपान संस्कृति का मुख्य हिस्सा रहा है। अंतराल के गांवों में आज भी शादी-समारोह के दौरान उसमें मीठा भात जरूर परोसा जाता है। यही नहीं, घरों में भी कभी-कभी मीठा भात शौक से खाया जाता है। मीठा भात अमूमन लोहे की कढ़ाई में बनाया जाता है। इसके लिए सबसे पहले कड़ाही में चावल की माप के दोगुने पानी से थोड़ा कम गुड़ डालकर उबाल लें। फिर उसमें चावल डालकर करछी या कौंचा से हिलाते रहें। जब चावल तीन चौथाई पक जाए तो उसमें देसी घी डालें। साथ में सूखे फल नारियल गिरी, किशमिश, सौंफ आदि भी डाल सकते हैं। घी डालने के बाद चावल को पलटाकर अच्छी तरह मिला लें और आंच हल्की कर इसे भपाने रख दें। चावल बर्तन के तल पर हल्का-हल्का जल भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं। अधजला पापड़ा खाने के शौकीनों की इच्छा भी पूरी हो जाएगी।  यदि देसी घी उपलब्ध न हो तो रिफाइंड से काम चला सकते

वन भूमि हस्तान्तरण के लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए नियमित समीक्षा की जायः सीएम 

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित प्रकरणों के संबंध में सचिवालय में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की वन भूमि हस्तान्तरण के लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए नियमित समीक्षा की जाय। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, डीएफओ व समाज कल्याण अधिकारी प्रतिमाह बैठकर लम्बित मामलों के समब्न्ध में बैठक कर उनका निस्तारण करेंगे। ऐसे ब्लाॅक को भी चिन्हित करने के निर्देश दिये गये जिनमें वनाधिकार से सबंधित कोई मामले नहीं हैं। प्रत्येक जनपद में लेण्ड बैंक बनाने के निर्देश भी दिये गये।   बैठक में जानकारी दी गई कि वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा निर्मित पोर्टल 'परिवेश' में आनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है। राज्य निर्माण के पश्चात वन भूमि के 42479.47 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण हुआ है, जिसके अन्तर्गत कुल 36 91 प्रकरण शामिल हैं। राज्य में अभी वन भूमि के 546 केस विभिन्न स्तरों पर पेंडिग हैं। जिसमें से लोक निर्माण विभाग के 270, एनएचएआई के 14, पीएमजीएसवाई के 169, रोड सेक्टर के 07, पेयजल के 22, खनन का 0