जौनसार-बावर मां हर तरफ बिखरियू छ ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सामाजिक अर सांस्कृतिक वैभव

देहरादून, वीरेंद्र दत्त गैरोला । देहरादून जिला का जौनसार-बावर क्षेत्र मां हर तरफ ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सामाजिक और सांस्कृतिक वैभव बिखरियू छ। जौनसार-बावर कू इलाकू 463 वर्ग मील में फैलियू छ। ये का पूरब मा यमुना नदी, उत्तर दिशा में उत्तरकाशी व हिमाचल कू कुछ क्षेत्र, पश्चिम मां टौंस नदी अर दक्षिण मां पछवादून-विकासनगर क्षेत्र पड़दू। ये क्षेत्र मा कई बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल छन, जौं मां कि चकराता भी शामिल छ। जौनसार-बावर मां पत्थर अर लकड़ी सी बणिया पारंपरिक मकान पगोड़ा शैली मा छन। यख कुड़ों की ढलावदार छत पहाड़ी स्लेटी पत्थर सी बणी छन। द्वि, तीन या चार मंजिल का कूड़ों की हर मंजिल पर एक सी चार कमरा बणिया छन। सर्दी मा यी मकान सर्द नी होंदन। एक और खास बात य छ कि यों कूड़ों का निर्माण मां ज्यादातर देवदार की लकड़ी कू इस्तेमाल होंद। तैं पर करयीं बरीक नक्काशी की खूबसूरती देखदू ही बणदी। ट्रेकिंग का शौकीनों तैं जौनसार-बावर की खूबसूरत वादियां बहुत ही अनुकूल छन। जब सीजन अनुकूल रंद त यख पर्यटकू की भीड़ लग जांदी। साहसिक पर्यटन का लिहाज सी चकराता की पहाड़ियां ट्रेकिंग अर रेफलिंग का शौकीनों तैं मुफीद माणी जांदीन। चकराता का पास मुंडाली, बुधेर, मोइला टॉप, खंडबा, किमोला फॉल अर आसपास की चोटियों पर ट्रेकिंग व रेफलिंग कराई जांद। बुधेर का पास गुफा व छोटी-बड़ी चोटियों की श्रृंखला छ। देहरादून सी चकराता की दूरी सड़क मार्ग सी करीब 90 किमी. छ। देहरादून सी द्वि रास्तों मसूरी-नागथात अर विकासनगर-कालसी ह्वैं तैं बस, टैक्सी या अन्य वाहनों सी चकराता पहुंचे जांद। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी न वर्ष 1815 मां जौनसार-बावर तैं अपणा अधीन लिनी छै। समुद्र तल से करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चकराता तैं ब्रिटिश काल मां छावनी क्षेत्र का रूप में बसायी गयी। 55वीं सिरमौर रेजीमेंट के कर्नल एच.रॉबर्ट ह्यूम न वर्ष 1869 में चकराता छावनी की स्थापना करी थै। जौनसार-बावर क्षेत्र तैं अलग बोली-भाषा, पहनावा, रीति-रिवाज, अनूठी संस्कृति व परपंरा का मद्देनजर तत्कालीन सरकार न वर्ष 1967 में जनजातीय क्षेत्र घोषित करी थै। चकराता का नजदीक 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मखमली घास कू मैदान बुधेर (मोइला डांडा) कहलांदू। बुधेर एशिया का बेहतरीन बणों मा एक छ। यख चूना पत्थर की प्रचुरता की वजह सी कई छोटी-बड़ी गुफा भी छन। ट्रेकिंग का शौकीनों तैं चकराता का समीप लगभग दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित मुंडाली व खडंबा की पहाड़ियां पंसदीदा जगह छ। छावनी बाजार चकराता से 17 किमी. दूर लाखामंडल मार्ग पर प्रसिद्ध टाइगर फॉल स्थित छ। ये झरना की सबसे बड़ी खासियत ये की शेर की दहाड़ जनी आवाज छ। शेर की तरह दहाड़दा ये झरना का आसपास कू नजारू भी बेहतरीन छ। मसूरी-चकराता-त्यूणी हाइवे पर चकराता से 31 किमी. दूर कोटी-कनासर बुग्याल छ। समुद्र तल सी 8500 फीट की ऊंचाई पर देवदार का जंगलों सी घिरियू यू बुग्याल अचरजभरा छ। चकराता का पास देववन की ऊंची चोटी सी हिमालय कू मनमोहक नजारू भावविभोर करी देंदू।ये क्षेत्र कू सिद्धपीठ महासू देवता कू मंदिर हनोल मां स्थित छ। नागर शैली मा बणियू यू मंदिर समुद्र तल सी 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित छ। महासू स्थानीय लोगों कू आराध्य देवता छ। जौनसार-बावर कू सीमांत त्यूणी कस्बा देहरादून व उत्तरकाशी जिलों का साथ ही हिमाचल प्रदेश का शिमला व सिरमौर जिलों कू केंद्र बिंदु छ। हनोल सी पांच किमी. दूर त्यूणी-पुरोला राजमार्ग पर स्थित खूनीगाड मां एशिया महाद्वीप का सबसी ऊंचा चीड़ महावृक्ष की समाधि स्थल छ। चीड़ महावृक्ष का धराशायी होण का बाद टौंस वन प्रभाग न ये की सभी डाट यख सुरक्षित रखी छन। ये का दीदार करणा तैं पर्यटक बड़ी संख्या में यख पहुंचदन।

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