आईआईएम काशीपुर में होगा उत्तर भारत का सबसे बड़ा स्कॉलर कॉन्क्लेव, देश के प्रीमियर इंस्टीट्यूट के शामिल होंगे 300 स्कॉलर
देहरादून/काशीपुर। उत्तराखंड के इकलौते प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर में तीन दिवसीय मैनेजमेंट एजुकेशन और रिसर्च (डम्त्ब्) कॉन्क्लेव का अयोजन होने जा रहा है। मई 31 से जून 2 तक होने वाले इस सेमिनार में देश के प्रीमियर इंस्टीट्यूट जैसे पांच आईआईटी, दस आईआईएम, एनआईटी, जेएनयू, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कॉलर (विद्वान) भाग लेंगे।
लगभग एक माह तक चले इस ऑनलाइन नामांकन में 720 से ज्यादा स्कॉलरो ने आवेदन किए जिसमें 300 रिसर्च पेपर को शॉर्टलिस्ट किया गया। चैकाने वाली बात यह है कि इसमें 50-60 प्रतिशत आवेदक महिलाएं है। गौर करने वाली बात यह भी है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार आवदेन में 400 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जहा पिछली बार 300 से ज्यादा विद्वानों ने आवदेन किया था वही इस बार 720 आवदेन आए है।
कॉन्क्लेव में डॉक्टरेट छात्रों और स्कॉलर के समक्ष अपने शोध प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफाॅर्म है। इस आयोजन के दौरान डॉक्टरेट छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों के अन्य विद्वानों के साथ संवाद करने, सहयोग करने और नेटवर्क बनाने के अवसर भी मिलते हैं साथ ही स्कॉलर अपने शोध पत्र की कमियों और अच्छाइयों पर भी एक्सपर्ट और प्रोफेस्सोर्स से चर्चा कर सकेंगे। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को सस्टेनेबल बनाने की थीम पर किए जा रहे इस कॉन्क्लेव में कई विषयों से शोध पत्र प्राप्त हुए है इसमें ओबीएचआर, आईटी, अर्थशास्त्र, फाइनेंस, मार्केटिंग, संचालन और सामरिक प्रबंधन जैसे विषयों पर आधारित हैं। शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए राष्ट्रीय स्तर के सहयोगी मंच के रूप में खुद को स्थापित किया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पिछली बार के मुकाबले इस बार आवेदन में 400 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जय आडवाणी के अलावा तीन प्रमुख वक्ता आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बंगलुरु और अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ कोलोरंडो बोल्डर के प्रोफेसर शामिल होंगे। प्रेजेंटेशन के बाद, तीन बेस्ट रिसर्च पेपर का चयन किया जाएगा और पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले रिसर्चर को सेरिफिकेट के साथ ₹25,000, 20,000 और 15,000 की पुरुस्कार राशी भी दी जाएगी। इसके अलावा, इस दौरान शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच महत्वपूर्ण संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा। मुख्य आयोजक प्रोफेसर सोमनाथ चटर्जी ने कहा, ‘‘आईआईएम काशीपुर ने रिसर्च प्रोजेक्ट्स की संख्या में भारी वृद्धि के साथ अपनी अलग जगह बनाई है। हमारे प्रकाशन 2019 में 15 थे जो अब बढ़कर 300 हो गए हैं। मैं गर्व से कह सकता हूं कि संदर्भों में भी चार गुना वृद्धि हुई है। चूंकि आईआईएम काशीपुर अनुसंधान पर अत्यधिक केंद्रित है, ऐसे में हम एमईआरसी की मेजबानी करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।