हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव ड्रोन प्रौद्योगिकी की अपार संभावनाओं को करता उजागर: प्रो.चंदर कुमार कृषि मंत्री

#कृषि मंत्री प्रो. चंदर कुमार ने पालमपुर में हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 और ड्रोन प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
देहरादून/हिमाचल प्रदेश। पालमपुर, हिमाचल प्रदेश में हिमाचल प्रदेश सरकार ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से प्रतिष्ठित चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (सीएसकेएचपीकेवी) में हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 4 जुलाई को आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञों, हितधारकों और ड्रोन उत्साही लोगों की एक उल्लेखनीय सभा आयोजित की गई, जो विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाने के लिए एक जुट हुए। हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री प्रोफेसर चंदर कुमार ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और कहा कि ड्रोन की विस्तृत श्रृंखला राज्य, किसानों और पर्यटन उद्योग के लिए बहुत महत्व रखती है। उन्होंने नई प्रौद्योगिकियों की शुरूआत के माध्यम से कृषि को आधुनिक बनाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। डॉ. अभिषेक जैन, आईएएस, सचिव, डिजिटल टेक्नोलॉजीज और गवर्नेंस, हिमाचल प्रदेश सरकार, ने ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 की प्रशंसा की और राज्य में एक व्यापक ड्रोन नीति शुरू करने के माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के वादे को पूरा करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव उभरती प्रोद्योगिकियों को अपनाने, विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के एकीकरण के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने में सरकार के सक्रिए दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव श्री अशीष बुटेल ने सरकारी सुधारों और नगर पालिका के भीतर ड्रोन कार्यक्रमों की शुरुआत के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने में ड्रोन के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री गोकुल बुटेल ने विभागों से विभिन्न उद्देश्यों के लिए ड्रोन का उपयोग करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि ड्रोन प्रतीकात्मक वस्तु नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 11 अतिरिक्त आईटीआई ड्रोन पर पाठ्यक्रम पेश करेंगे, विशेष रूप से ड्रोन सेवा तकनीशियन प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल आईपीएच और पीडब्ल्यूडी जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 में "ड्रोन प्रौद्योगिकियों में युवाओं के लिए करियर के अवसर", "कानून प्रवर्तन, आपदा प्रबंधन और वन अधिकारियों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग" और "कृषि/बागवानी और वन कवर के लिए ड्रोन" जैसे विषयों पर व्यावहारिक पैनल चर्चाएं हुईं। चर्चा का उद्देश्य इन संबंधित क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के संभावित अनुप्रयोगों का पता लगाना था। सीएसकेएचपी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हरिंदर कुमार चौधरी ने कहा, "हमें विश्वविद्यालय में इस तरह के एक दिलचस्प सम्मेलन की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। मुझे यकीन है कि इससे हिमाचल प्रदेश के छात्रों और लोगों को सफलता प्रदान करने में मदद मिलेगी।" हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 5 जुलाई को समापन भाषण देंगे । उनकी उपस्थिति राज्य में इनोवेशन को अपनाने और ड्रोन प्रौद्योगिकी की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगी। हिमाचल ड्रोन कॉन्क्लेव 2023 ने भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने के लिए उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और उत्साही लोगों को एक जुट किया है। यह आयोजन विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन को अपनाने और उपयोग के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। कृषि, आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे की निगरानी और बहुत कुछ में क्रांति लाने की अपनी क्षमता के साथ, ड्रोन तकनीकी रूप से उन्नत हिमाचल प्रदेश का मार्ग प्रशस्त करेगा। कॉन्क्लेव के अंतिम दिन, एक महत्वपूर्ण सत्र में चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाने, रसद की सुविधा प्रदान करने और बुनियादी ढांचे प्रबंधन और विकासात्मक परियोजनाओं में उनके अनुप्रयोगों में ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा होगी। सत्र में दिखाया जाएगा कि कैसे ड्रोन दूरदराज के क्षेत्रों में समय पर स्वास्थ्य और त्वरित आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। संवेदनशील वस्तुओं के परिवहन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, पहाड़ी क्षेत्रों में कुशल वाहक के रूप में काम कर पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान दे सकते हैं।

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