कांग्रेस राज में नो वर्क विद आउट कमीशन का रहा चलनः नडढा
चमोली। उत्तराखंड दौरे पर आए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि वन रैंक, वन पेंशन का मामला 1972 से चला आ रहा था लेकिन 2014 तक यह लागू नहीं हुआ। इस दौरान कांग्रेस की सरकारों ने लगातार फौजी भाइयों को बरगलाया गया, उन्हें गुमराह किया गया और उनकी देशभक्ति का मजाक उड़ाया गया। जब कांग्रेस की यूपीए सरकार की विदाई का वक्त आया तो उन्होंने वन रैंक, वन पेंशन के लिए महज 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर खानापूर्ति कर दी। जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तो वन रैंक, वन पेंशन लागू किया गया। अब तक हमारी सरकार ने इस योजना के तहत 42 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। लगभग 20 लाख भूतपूर्व सैनिकों ने अब तक इस योजना का लाभ उठाया है और उत्तराखंड में भी लगभग 1.16 लाख भूतपूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं।
2014 से पहले कांग्रेस की सरकारों ने रक्षा के साजो-समान की कोई खरीदी नहीं हुई, रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के कोई प्रयास नहीं किये गए। कांग्रेस की सरकार में एक रक्षा मंत्री ऐसे आये जिन्होंने कहा कि कोई फैसला नहीं करना भी एक फैसला होता है। हर रक्षा सौदे में कमीशन कांग्रेस सरकार की पहचान बन गई। कांग्रेस और कमीशन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जहां कांग्रेस, वहां कमीशन और जहां भाजपा, जहां एनडीए वहां मिशन। आज 36 राफेल का बेड़ा वायुसेना की रीढ़ बन रहा है, अपाचे, चिनूक, सर्फेस टू एयर मिसाइल, होवित्जर तोपें, आर्टिलरी गन, बुलेट प्रूफ जैकेट, एके 203 गन - किसी चीज की कोई कमी नहीं है। भारत अब बुलेट प्रूफ जैकेट्स का निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 74ः तक बढ़ाया गया है, कोओर्डिनेशन डिपार्टमेंट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन व चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ पद का सृजन किया गया है, इंसरजेंसी में लगभग 66ः की कमी आई है, सिविल कैजुअल्टी में 79ः और सिक्योरिटी कैजुअल्टी में 23ः की कमी आई है। प्रोडक्शन के लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाये गए हैं। विपक्ष पर हमला करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उत्तराखंड की जनता का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता ने मिशन वाले को आगे बढ़ाने और कमीशन वालों को घर बैठाने का मन बना लिया है। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों में जब अथिकारी विकास के लिए टिप्पणी वाला नोट आगे बढ़ाते थे तो मंत्री रुपये वाला नोट समझने लगते थे क्योंकि नो वर्क विदाउट नोट, नो वर्क विदाउट कमीशन इनका पर्याय बन चुका था। लंबी अवधि तक कांग्रेस के कारण देश को नुकसान सहना पड़ा। आज भी जहां-जहाँ कांग्रेस की सरकारें हैं, वे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई हैं। आज भी कांग्रेस की सरकारों के घपले-घोटाले ही सामने आते रहते हैं। राजस्थान में किस कदर भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है और महाअघाड़ी सरकार में किस तरह महाराष्ट्र में लूट का खेल चल रहा है, इससे पूरे देश की जनता वाकिफ है। यदि उत्तराखंड को आगे बढ़ाना है तो हमें भारतीय जनता पार्टी को एक बार पुनः प्रचंड बहुमत से विजयी बनाना होगा। डबल इंजन की सरकार में ही उत्तराखंड का विकास हो सकता है।