विद्युत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव यूपीसीएल का मानसिक दिवालियापनः मोर्चा
-यूपीसीएल फिर 10 फीसदी विद्युत दरों को बढ़ाने के फेर में
-विद्युत चोरी/लाइन लॉस का खामियाजा क्यों भुगते उपभोक्ता!, सरकार करंे हस्तक्षेप
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की जनता पहले ही अत्याधिक महंगी बिजली की मार से त्रस्त है, वहीं यूपीसीएल ने विद्युत दरें 10 फीसदी बढ़ाने की तैयारी कर जनता की परेशानियों में इजाफा करने का काम शुरू कर दिया है। यूपीसीएल द्वारा प्रस्तावित विद्युत दरें बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव कुछ दिनों बाद विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत होगा।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि पहले ही सरकार ने कई तरह के स्लैब यूनिट्स के आधार पर किए हुए हैं तथा फिक्स्ड चार्जेस भी यूनिट के हिसाब से तय कर रखे हैं इसके अलावा विद्युत कर इत्यादि लगाकर जनता को लूटने का काम क्या हुआ है। विभाग द्वारा विद्युत दरें (घरेलू) 2.80रू 3.75 रू 5.15रू 5.90 रुपए प्रति यूनिट तथा फिक्स्ड चार्जेस 60,95ए 165, 260 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से वसूले जा रहे हैं। नेगी ने कहा कि सरकार की लापरवाही एवं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत एवं ढींगामस्ती की वजह से लाइन लॉस विद्युत चोरी रुक नहीं पा रही है, जिसका ठीकरा जनता के सिर पर प्रतिवर्ष फोड़ा जाता है। नतीजा यह कि विभाग को प्रतिवर्ष विद्युत दरें बढ़ानी पड़ रही हैं। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि उक्त मामले में हस्तक्षेप कर जनता को राहत देने का काम करें। पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।