सन्यासी ने सर्वोच्च हिन्दू धर्मगुरुओं को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से पत्र लिखे
हरिद्वार। सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की अभूतपूर्व दुर्गति पर सनातन धर्म के धर्मचार्यो की उदासीनता से खिन्न होकर आज भूमा निकेतन में चल रहे माँ बगलामुखी महायज्ञ स्थल से यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यो को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से पत्र लिखकर सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा करने का अनुरोध किया। यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने ये पत्र सभी पीठो के जगद्गुरु शंकराचार्यो,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष,सभी अखाड़ो के आचार्य महामंडलेश्वरों और अखाड़ो के पदाधिकारियों को लिखे।
धर्माचार्यो को लिखे रक्त पत्र की आवश्यकता के विषय मे बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा की देश में इस्लामिक जिहादियो के हौसले इतने बढ़ चुके हैं की वो खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं।उनको हर तरफ से मदद मिल रही है। उनकी योजनाये बहुत विनाशकारी हैं।वो संगठित रूप से जगह जगह हिन्दुओ की हत्या कर रहे हैं।सरकारें इस्लामिक जिहादियो के हौसलों के सामने प्रभावहीन दिखाई पड़ रही हैं। ऐसे में हिन्दू समाज के युवाओ का मनोबल टूट रहा है।मुस्लिमो की सारी योजना मस्जिद और मदरसों से बनती हैं।ईसाइयत की लड़ाई चर्च लड़ता है।सिक्खों की लड़ाई सदैव गुरुद्वारों से लड़ी जाती है।बौद्धों की लड़ाई उनके भिक्षुओ ने लड़ी है परंतु सनातन की लड़ाई कोई नही लड़ रहा है।आज भारतवर्ष में एक भी मठ मन्दिर ऐसा नही है जो सनातन की लड़ाई तो दूर,इस्लाम के जिहाद के विरुद्ध बोल भी सके।ऐसे में हिन्दू की स्थिति अनाथो जैसी हो चुकी है।अब हिन्दू जाए तो कहाँ जाये। इसीलिये इस पत्र में सनातन धर्म के धर्माचार्यो से इस्लामिक जिहाद से अंतिम धर्मयुद्ध के लिये मदद माँगी गयी है। पत्रांे के लिये रक्त देने वालों में हिन्दू स्वाभिमान के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष बाबा परमेन्द्र आर्य,यति सत्यदेवानंद सरस्वती जी,यति जितेन्द्रानंद सरस्वती जी,यति भावेशनन्द सरस्वती जी,यति रामस्वरूपानंद सरस्वती जी,यति सेवानंद सरस्वती जी मुख्य हैं। इस अवसर पर धीरज नागर,मोहित बजरंगी,आशु रस्तोगी,बृजमोहन सिंह,हरिकृष्ण पण्डित,तरुण त्यागी,बॉबी त्यागी आदी भक्तगण भी उपस्थित थे।