नगरनिगम प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन मोड में

ऋषिकेश। नगर निगम प्रशासन शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन मोड में आ गया है। शिकायत के आधार पर 45 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। नोटिस जारी कर लोगों को खुद ही अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई है। स्वयं अतिक्रमण न हटाने पर नगर निगम ने सीधे जेसीबी के जरिए अतिक्रमण गिराने की चेतावनी दी। निगम के नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।एक साल पहले नगर पालिका से नगर निगम में उच्चीकरण होने पर निकाय सीमा का विस्तार किया गया। इसके कारण ग्रामसभा ऋषिकेश और वीरपुरखुर्द निगम में शामिल हो गए। ग्रामीण इलाकों में नगर निगम के 20 वार्ड हैं। भले ही ये ग्रामीण इलाके नगर निगम के रिकार्ड में विधिवत दर्ज नहीं हो पाए हैं, लेकिन निगम प्रशासन ने सार्वजनिक संपत्ति पर हुए अवैध कब्जों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है।एक सिरे से अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं। नोटिस में अतिक्रमणकारी के नाम का साफ उल्लेख किया गया है। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नोटिस मिलने के तीन दिन के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटा लिए जाएं। कोताही बरतने पर नगर निगम प्रशासन की जेसीबी अतिक्रमण ध्वस्त करेगी। कार्रवाई के साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा। नगर निगम सूत्रों की मानें तो सार्वजनिक संपत्ति में अवैध कब्जे के सबसे ज्यादा मामले बापूग्राम, बीस बीघा, मीरानगर, सुमन विहार आदि क्षेत्र में हैं। कहीं सड़क पर कब्जा है तो कहीं सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया गया है। शिवाजीनगर में दिखा असर, हट रहा अतिक्रमण ऋषिकेश। अतिक्रमण पर दो सप्ताह पहले शिवाजीनगर में नोटिस जारी किए गये थे। नोटिस में सप्ताह भर का समय दिया गया था। एमएनए ने बताया कि शिवाजीनगर में अधिकांश लोग खुद ही अतिक्रमण हटा रहे हैं। 20 जनवरी को एक बार फिर स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। जहां अतिक्रमण नहीं हटा, वहां निगम प्रशासन कार्रवाई करेगा। नगर निगम के अधिशासी अभियंता के माध्यम अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। 

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