श्राईन बोर्ड के पुरजोर विरोध में हैं पुरोहित समाज

टिहरी। त्रिवेंद्र सरकार के प्रस्तावित चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक को तीर्थपुरोहित समाज धार्मिक क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप मान रहा है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार नारायणदत्त तिवारी सरकार ने भी इस तरह का विधेयक लाने का प्रयास किया गया था। जिसे चारधाम तीर्थ पुरोहित समाज के कड़े विरोध के चलते विधानसभा पटल तक नहीं लाया जा सका था।

श्राइन बोर्ड के अधीन प्रमुख तीर्थस्थलों को लाये जाने से इससे जुड़े हजारों परिवारों की रोजी-रोटी से बेदखल होने की आशंका जतायी जा रही है। तीर्थपुरोहितों का एक वर्ग इसे जनविरोधी भी बता रहा है। उनके अनुसार हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार उन्हें पुरातन समय से जो हक हकूक मिले हैं। वह बोर्ड बनने के बाद सुरक्षित नहीं रहेंगे, इसको लेकर वर्तमान सरकार ने आश्वस्त भी नहीं किया है। उधर युवा तीर्थ पुरोहित संगठन का कहा है कि सरकार परंपरागत धार्मिक अधिकारों को बोर्ड बनाकर खत्म करना चाहती है। इसको युवा तीर्थ पुरोहित किसी तरह सहन नहीं कर सकते। तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधरियों ने बोर्ड को उनके धार्मिक, पारंपरिक, वैधानिक हितों पर कुठाराघात करने वाला बताया जा रहा है। चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल का कहना है कि वे इस मामले में अपना कड़ा विरोध सरकार को जतायेंगे। सरकार का श्राईन बोर्ड को लेकर आधा-अधूरी जानकारी वाला कदम है। श्राइन बोर्ड के कारण उपजी आशंकाओं को सरकार के पास अब तक कोई जबाब नहीं है।

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