भर्ती प्रक्रिया में शिथिलता पर होगी कार्रवाईः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र


 

-हर दस दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश, विभागीय सचिवों की होगी व्यक्तिगत जिम्मेदारी

-भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चत हो

-सीएम ने सचिवालय में आयोजित बैठक में विभागों की भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की  

 

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विभागों में भर्ती के लिए संबंधित सचिवों की जिम्मेवारी तय करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में शिथिलता पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की प्रगति की रिपोर्ट हर दस दिन में सचिव कार्मिक को उपलब्ध करवाई जाए। सचिव कार्मिक सभी विभागों से प्राप्त रिपोर्ट को संकलित करते हुए मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री सचिवालय में सरकारी विभागों में चल रही भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों व इन्हें भरने के लिए की गई कार्यवाही का पूरा विवरण उपलब्ध न करवाने वाले विभागों पर नाराजगी व्यक्त की और उन्हें जल्द से जल्द निर्धारित प्रारूप में विवरण कार्मिक विभाग को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिक्त पदों पर भर्ती जल्द से जल्द करवाना चाहती है। ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें और कर्मचारियों के अभाव में विकास के कार्य बाधित न हों। इसमें किसी तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। औपचारिकताओं को पूर्ण करने में अनावश्यक विलम्ब न किया जाए। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर समिति बनाने के निर्देश दिए जो कि विभागों में रिक्त पदों की स्थिति व इन्हें भरने के लिए की जा रही कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग करेगी। विभागों द्वारा भेजे जाने वाले अधियाचनों में कोई कमी न रहे, इसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग व अधिनस्थ सेवा चयन आयोग से समन्वय कर, कमियों को अविलम्ब दूर करना सुनिश्चित किया जाए। संबंधित आयोग को अधियाचन जल्द से जल्द भेजा जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों के समान प्रकृति के पदों को भरने की प्रक्रिया यथासम्भव एक साथ सम्पन्न की जाए। इससे आवेदकों को बार-बार आवेदन करने से राहत मिलेगी। फील्ड कर्मचारियों की कमी को दूर करने को विशेष प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य लोक सेवा आयोग व अधिनस्थ सेवा चयन आयोग से भर्ती प्रक्रिया में और तेजी लाने की अपेक्षा की। आयोग को इसके लिए संसाधनों की आवश्यकता होने पर शासन को अवगत कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष काम कर रहे उपनल, पीआरडी व अन्य संविदाकर्मियों का विवरण भी कार्मिक विभाग को उपलब्ध करवाया जाए। लम्बे समय से संविदा पर काम कर रहे कर्मियों को नियमित भर्ती में अधिमान दिया जाए। राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत ने बताया गया कि वर्तमान में कोई भी अधियाचन लम्बित नहीं है। लोक सेवा आयोग द्वारा उत्तराखण्ड सिविल सेवा जज की भर्ती प्रक्रिया दिसम्बर 2019, अर्थ एवं संख्याधिकारी एवं सहायक वन संरक्षक की भर्ती मार्च 2020 तक प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस. राजू ने बताया कि आयोग में 05 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है, जिन पर सात-आठ माह में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, राधा रतूड़ी, सचिव नितेश झा, राधिका झा, एल फैनई, दिलीप जावलकर, हरबंस सिंह चुघ, आर. मीनाक्षी सुंदरम, बृजेश संत, सुशील कुमार एवं अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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